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शब्द पब्लिशिंग के बारे में

एक स्व प्रकाशन मंच। शब्द.इन एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो आपको अपनी पुस्तकों को मार्केटप्लेस और ऑफलाइन स्टोर्स में भी वितरित करने में मदद करता है। हमारे विशेषज्ञों की टीम आपकी मदद करेगी कि पुस्तक को ऑनलाइन कैसे प्रकाशित किया जाए और उसे सर्वश्रेष्ठ विक्रेता कैसे बनाया जाए Shabd.in भारतीय भाषाओं के लेखकों के लिए एक मंच है। यह एक ऐसी जगह है जहां लोग अपनी पसंद की भाषाओं में सामग्री पढ़, लिख और प्रकाशित कर सकते हैं। स्वयं अपनी पुस्तक को भारत और विश्व में शब्द.इन के साथ प्रकाशित करें। पुस्तक प्रकाशन सम्बन्धित जानकारी के लिए विज़िट करें :- https://hindi.shabd.in/publish Website:- https://shabd.in Email id :- publish@shabd.in

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शब्द पब्लिशिंग की पुस्तकें

कायरा का इंसाफ

कायरा का इंसाफ

मैं आप लोगों के समक्ष एक नई कहानी लेकर आई हूं (कायरा का इंसाफ) यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस कहानी के पात्र के नाम या घटना अगर किसी से जुड़े हैं, तो वह सिर्फ एक संयोग ही होगा, इस कहानी का किसी के वास्तविक जीवन से भी कोई लेना देना नहीं है, यह क

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कायरा का इंसाफ

कायरा का इंसाफ

मैं आप लोगों के समक्ष एक नई कहानी लेकर आई हूं (कायरा का इंसाफ) यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस कहानी के पात्र के नाम या घटना अगर किसी से जुड़े हैं, तो वह सिर्फ एक संयोग ही होगा, इस कहानी का किसी के वास्तविक जीवन से भी कोई लेना देना नहीं है, यह क

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कचोटती तनहाइयाँ

कचोटती तनहाइयाँ

मैं आप सबके लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ ,जिसका शीर्षक है 'कचोटती तनहाइयाँ '। मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है ।मेरी ये कहानी है कहानी के नायक सूर्य प्रताप भानु व उसकी सहधर्मिणी दिव्या प्रताप भानु की । सूर्य प्रताप भानु जो अपने पूर्वजों द्वारा प्राप्

2305 पाठक
46 रचनाएँ

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कचोटती तनहाइयाँ

कचोटती तनहाइयाँ

मैं आप सबके लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ ,जिसका शीर्षक है 'कचोटती तनहाइयाँ '। मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है ।मेरी ये कहानी है कहानी के नायक सूर्य प्रताप भानु व उसकी सहधर्मिणी दिव्या प्रताप भानु की । सूर्य प्रताप भानु जो अपने पूर्वजों द्वारा प्राप्

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शापित संतान

शापित संतान

मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ -'शापित संतान '।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक पिता अपनी संतान के लिए हर त्याग करता है मगर जब उसकी संतान गलत राह पकड़ ले तो उसका सुख ,चैन छिन जाता है ,ऐसी संतान शापित संतान ही होती है ।ऐसी ही शापित

863 पाठक
22 रचनाएँ

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शापित संतान

शापित संतान

मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ -'शापित संतान '।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक पिता अपनी संतान के लिए हर त्याग करता है मगर जब उसकी संतान गलत राह पकड़ ले तो उसका सुख ,चैन छिन जाता है ,ऐसी संतान शापित संतान ही होती है ।ऐसी ही शापित

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प्रतिउत्तर???

प्रतिउत्तर???

पारिवारिक साख प्रतिष्ठा मान मर्यादा और स्वयं की लज्जा एवं भीरुता के कारण जो मुद्दे समाज से अछूते रह गए उसका उत्तरदायी कौन ॽॽ ,अवनी , राजीव,या फिर उनका परिवेश संस्कार या आधुनिकता के बहाने सिनेमा घरों में परोसी गयी अश्लीलता जो रिश्तो के तानो बानो को

734 पाठक
76 रचनाएँ

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प्रतिउत्तर???

प्रतिउत्तर???

पारिवारिक साख प्रतिष्ठा मान मर्यादा और स्वयं की लज्जा एवं भीरुता के कारण जो मुद्दे समाज से अछूते रह गए उसका उत्तरदायी कौन ॽॽ ,अवनी , राजीव,या फिर उनका परिवेश संस्कार या आधुनिकता के बहाने सिनेमा घरों में परोसी गयी अश्लीलता जो रिश्तो के तानो बानो को

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता

दैनिक लेखन प्रतियोगिता

यहां पर आपको दैनिक लेखन प्रतियोगिता के परिणामो की जानकारी मिलेगी | मार्च 2023 से ...........

663 पाठक
223 रचनाएँ

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बहू की विदाई

बहू की विदाई

मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ-'बहू की विदाई' ।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक रुढि़वादी ,दकियानूसी ,व स्त्रियों को अपने से नीचे समझने वाले समाज के एक व्यक्ति द्वारा अपनी बहू के विवाह करने पर मेरी ये कहानी है 'बहू की विदाई' । मेर

637 पाठक
20 रचनाएँ

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बहू की विदाई

बहू की विदाई

मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ-'बहू की विदाई' ।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक रुढि़वादी ,दकियानूसी ,व स्त्रियों को अपने से नीचे समझने वाले समाज के एक व्यक्ति द्वारा अपनी बहू के विवाह करने पर मेरी ये कहानी है 'बहू की विदाई' । मेर

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क्या यही प्यार है?

क्या यही प्यार है?

क्या आज की युवा पीढ़ी प्यार का मतलब जानती है ....नहीं।बस आज कल के युवा लैला मजनूं,शीरी फरहाद,इन की कहानी पढ़कर उन राहों पर निकल पड़ते हैं। प्यार पाना ही नहीं होता। प्यार के लिए मर मिटना भी प्यार है। सदियों तक किसी का इंतजार भी प्यार है। आइए हम और आप

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क्या यही प्यार है?

क्या यही प्यार है?

क्या आज की युवा पीढ़ी प्यार का मतलब जानती है ....नहीं।बस आज कल के युवा लैला मजनूं,शीरी फरहाद,इन की कहानी पढ़कर उन राहों पर निकल पड़ते हैं। प्यार पाना ही नहीं होता। प्यार के लिए मर मिटना भी प्यार है। सदियों तक किसी का इंतजार भी प्यार है। आइए हम और आप

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दास्तान-ए-गजल

दास्तान-ए-गजल

सीधे और सरल शब्दों में अपने मन के एहसास लिखती हूं, मन के जज्बातों को हकीकत में उतारती हूं, सच कहे तो "मेरी कलम से" अपने मन की बातें कोरे पन्ने पर लिखती हूं।

433 पाठक
104 रचनाएँ

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दास्तान-ए-गजल

दास्तान-ए-गजल

सीधे और सरल शब्दों में अपने मन के एहसास लिखती हूं, मन के जज्बातों को हकीकत में उतारती हूं, सच कहे तो "मेरी कलम से" अपने मन की बातें कोरे पन्ने पर लिखती हूं।

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दैनंदिनी सखी (सितम्बर) 2022

दैनंदिनी सखी (सितम्बर) 2022

सितम्बर माह जिसमे पूर्वजों को याद करें गे।उनको श्राद्ध अर्पित करके‌।और बहुत सी बाते होंगी सखी जब हम तुम साथ रहें गे।

241 पाठक
15 रचनाएँ

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दैनंदिनी सखी (सितम्बर) 2022

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काव्यांक्षी (दैनन्दिनी)

काव्यांक्षी (दैनन्दिनी)

ख्याल मन में जब हलचल मचाएं बातें दिल को किसी को कहने से कतराए सखी बने दैनन्दिनी प्यारी सुने दिल हाल निभाएं सच्ची यारी

234 पाठक
16 रचनाएँ

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काव्यांक्षी (दैनन्दिनी)

काव्यांक्षी (दैनन्दिनी)

ख्याल मन में जब हलचल मचाएं बातें दिल को किसी को कहने से कतराए सखी बने दैनन्दिनी प्यारी सुने दिल हाल निभाएं सच्ची यारी

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